आज हम जानेंगे Piles treatment in Hindi !बवासीर एक ऐसी बीमारी है जो 10 में किसी एक को जरूर होती है, चाहे वो फर्स्ट डिग्री वाली ही स्थिति वाला ही बवासीर हो ! इसमें मल के रास्ते खून आ सकता है ! मल त्याग करने वाले रास्ते में गुदा होता है, वो अनगिनत नसों का एक गुच्छा होता है, जो मल के द्वार को अपने कसावट से नियंत्रित करती है ! जब मल त्याग करते वक़्त नसों के इस गुझे पे दबाव पड़ता है, जिसे गुदा कहा जाता है, तो दबाव के कारण गुदा बाहर आने लगता है, ऐसा तब होता है, जब मल बहुत कठोर हो गया हो !और जिसे त्यागने पर बहुत जोर लगाना पर रहा हो ! बवासीर को मेडिकल भाषा में हेमरॉइड्स (Piles) भी बोला जाता है! बवासीर के शुरवाती लक्षण में ये भी देखा गया है की गुदा के पास जलन या खुजली हो सकती है! बवासीर के शुरुआती लक्षण के दौरान ही अगर डॉक्टर से परामर्श लेकर इलाज कर दिया जाये तो ये ठीक हो सकता है ! बवासीर के घरेलू उपचार भी कई तरह के है लेकिन डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरुरी है ! क्योकि बवासीर जैसी बीमारी शरीर में हो रही किसी खराबी या बदलाव के कारण नहीं होती बल्कि हमारे जीवन शैली और हम किस तरह का आहार ले रहे है इस पर भी निर्भर करता है ! बवासीर का घरेलु नुस्खे में सबसे पहले आपको शरीर में पानी के साथ -साथ फाइबर का सेवन अधिक मात्रा में करना होगा भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करने से बवासीर की बीमारी में लाभ मिलता है !
बवासीर होने का कारण
- जीवनशैली का सही ना होना :
आधुनिक जीवन में हमारा शरीर शारीरिक मेहनत करना बिलकुल ही कम कर दिया है बवासीर जैसी बीमारी ज्यादा देर एक जगह बैठे रहने से या ज्यादा देर खड़े रहने से भी हो सकता है ! जिसके साथ अनियमित खान -पान भी इसका मुख्य कारण हो सकता है !
- संतुलित और नियमित आहार की कमी :
शरीर को ऊर्जावान बनाने के साथ -साथ शरीर को मजबूत बनाये रखने के लिए आहार को रोजाना लेना जरुरी होता है लेकिन ये बहुत मायने रखता है की आप अपने खान -पान में क्या खा या पी रहे हो संतुलित और नियमित आहार में आपको प्रोटीन, फाइबर और विटामिन युक्त भोजन करना चाहिए और साथ में कम से कम दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए ! अगर आप ऐसा नहीं करते हो तो आपको पूरी तरह से यह तय है की बवासीर की शिकायत हो सकती है !
- कब्ज़ की शिकायत रहना :
जब हम अनियमित रूप से अपने भोजन को लेते है , और जंक फ़ूड जो की ज्यादा तर मैदे से बनी होती है तो इसका सेवन अधिक मात्रा में करते है , और हमारे भोजन का कोई भी आधार नहीं होता , दिन भर में जो भी मिला उसे खा लेते है तो ऐसे में आपको कब्ज़ की शिकायत होना स्वाभाविक बात है जब हमें कब्ज़ की शिकायत होती है तो हमें अपने मल को त्यागने में बहुत अधिक जोर लगाना पड़ता है जिसके कारण मल द्वार का गुदा बाहर आना शुरू हो जाता है जो की आंतरिक बवासीर कहलाता है !
- गर्भावस्था के दौरान :
महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संरचना में बदलाव होने के कारण बवासीर होने का खतरा बढ़ जाता है !
- वृद्धावस्था का होना :
वृद्धावस्था में शरीर के टिश्यू की संरचना में बदलाव होता है ! और वृद्धावस्था में पाचन शक्ति भी कमजोर हो जाती है जिससे कब्ज़ की शिकायत बनी रहती है ! ये सारे कारण है, जिससे बवासीर वृद्धावस्था में हो सकता है।
बवासीर के लक्षण क्या -क्या है (Symptoms of piles)
- मल द्वार के आस -पास वाले हिस्से में खुजली होना
- मल द्वार जिसे गुदा कहा जाता है उस हिस्से में दर्द होना !
- गुदा वाले हिस्से में छोटी गांठ का महसूस होना
- मल त्याग करते वक़्त मल से खून का आना !
- मल त्याग करते वक़्त या छींकते और खाँसते वक़्त दर्द होना !
बवासीर के लिए घरेलू इलाज
- संतुलित आहार का सेवन करे :
अगर आप चाहते है की आपको बवासीर जैसी बीमारी कभी हो ही ना तो इसके लिए आपको नियमित रूप से अपने आहार को संतुलित रखना होगा ! संतुलित आहार का सेवन करने से आपका पाचन दुरुस्त रहता है साथ में आप हमेशा फिट और स्वस्थ रहते हो !अपने आहार में प्रोटीन, फाइबर और विटामिन युक्त चीजों को शामिल करे जैसे अनाज ,ब्राउन चावल, दाल, फल, हरी सब्जी और दूध दही ! इसके साथ में तरह तरल पदार्थ का सेवन ज्यादा करे !
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिए :
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपका शरीर स्वस्थ रहेगा साथ में आपका पाचन तंत्र दुरुस्त रहेगा जिससे कब्ज़ की शिकायत कभी भी नहीं रहेगी ! कोशिश करे की दिन भर में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिए !
- योगासन और व्यायाम करे :
जब हम एक ही जगह ज्यादा देर तक बैठे या खड़े रहते है तो ऐसे में बवासीर की शिकायत पैदा हो सकती है इसलिए शरीर का शारीरिक मेहनत करना बहुत जरुरी है ! अगर आपको बवासीर की शिकायत बनी हुई है तो ऐसे में आप योगा के कई आसन कर सकते है जैसे मलासन, वज्रासन, पवनमुक्तासन, और भुजंगासन ये आसन बवासीर के लिए बहुत फायदेमंद होते है। ये योग के आसन आपको कब्ज़ से राहत देगा , और आपको स्वस्थ और निरोगी भी रखेगा !
- नियमित सिट्ज बाथ ले :
नियमित रूप से सिट्ज बाथ लेने से बवासीर के कारण होने वाले दर्द और जलन में राहत मिलती है ! बवासीर के कारण होने वाले दर्द और घाव को बीटाडीन का घोल या एंटीसेप्टिक घोल को प्लास्टिक के टब में गर्म पानी में घोल कर पेशेंट को बैठने को कहा जाता है , इससे घाव के दर्द में बहुत ज्यादा आराम मिलता है !
- गुदा में कोल्ड कंप्रेस करे :
पेशेंट को जब बवासीर के कारण मल द्वार के पास बन गए घाव के कारण असहनीय दर्द होता है तो डॉक्टर गुदा वाले हिस्से पर आइस पैक या कोल्ड कंप्रेस करने की सलाह देते है , इससे पेशेंट को घाव के कारण हो रहे असहनीय दर्द में बहुत राहत मिलता है ! आइस पैक या कोल्ड कंप्रेस कम से कम 15 मिनट तक गुदा में सूजन या घाव वाली जगह पर करे !
- खुजली या सूजन होने पे तेल का उपयोग :
वैसे तो बवासीर के कारण होने वाली परेशानी में डॉक्टर के परामर्श https://www.apollo247.com/doctors से ही दवा का सेवन करना या लगाना चाहिए !लेकिन नारियल का तेल का इस्तमाल पेशेंट खुजली या सूजन के दौरान कर सकता है ! नारियल के तेल को सूजन या घाव पर लगाने से उसमे जल्दी आराम मिलता है क्योकि नारियल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो सूजनऔर दर्द में राहत देते है इसके साथ में घाव के कारण पैदा हो रहे जीवाणु को खत्म करने में भी मदद करते है !
यह सुझाव सिर्फ आम जानकारी देने के लिए हैं, यदि आप बवासीर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो आपको डॉक्टर की सलाह और परामर्श का पालन करना चाहिए।
BY: Vivek Singh