कैटरेक्ट सर्जरी की पूरी जानकारी -cataract surgery cost

मोतियाबिंद या कैटरेक्ट होता क्या है, cataract surgery cost कितनी होती है ?

मोतियाबिंद आंख के लेंस में होने वाली समस्या है जिस तरह एक कैमरे में एक लेंस होता है उसी तरह हमारी आंख में भी एक लेंस होता है जो शीशे की तरह पारदर्शी होता है जिसके आर पार आप साफ तौर पर देख पाते हो जिस तरह से बढती उम्र के साथ-साथ हमारे शरीर के बाल सफेद हो जाते हैं वैसे ही हमारी आंख का लेंस भी सफेद हो जाता है और यह सफेदी हर इंसान की आंखों में जो लेंस है उसमें आनी है आमतौर पर देखा गया है की ये सफेदी 50 से 70 साल की उम्र में आना शुरू हो जाती है यह मान कर चलिए कि भगवान के द्वारा दिया गया यह लेंस जो हमारी आंखों में होता है इसका सफेद होना तय है कुछ लोगों में पाया गया है कि यह 70 साल के उम्र के बाद सफेद होना शुरू होता है लेकिन अभी के खानपान और हमारी रोज की दिनचर्या और वातावरण के अनुसार अब लोगों की आंख का लेंस 50 साल की उम्र से ही सफेद होने लगता है आंख के लेंस की सफेद होने की प्रक्रिया को ही हम मोतियाबिंद कहते हैं,  cataract surgery cost की चर्चा हम आगे करने वाले है !
cataract surgery cost

मोतियाबिंद या Cataract होने पर हमें क्या परेशानी होती है:-

हमारी आंखों में जो लेंस है वह सफेद हो जाने के कारण हमारा लेंस जो पहले पारदर्शी था, अब वो लेंस पारदर्शी नहीं रह जाता जिसके कारण हमारी आंखों में जो रोशनी रेटीना तक पहुंचती है वह सही रूप से नहीं पहुंच पाती साधारण भाषा में समझे तो लेंस के सफेद होने के कारण रोशनी जो कि पर्दे तक पहुंच नहीं पाती , जिसके कारण हमारी आंखों की रोशनी कम हो जाती है।
आमतौर पर यह देखा गया है कि कैटरेक्ट बढ़ती उम्र के साथ लोगों की आंखों में होता है पर  मोतियाबिंद छोटे-छोटे बच्चों एवं पैदा हुए बच्चों में भी हो सकता है या बहुत अधिक मात्रा में दवाई का सेवन या डायबिटिक पेशेंट होने के कारण कम उम्र में भी मोतियाबिंद होने की संभावना देखी गई है पर ऐसा बहुत कम देखा जाता है अभी तक तो आप यही मान कर चलिए की मोतियाबिंद बढ़ती उम्र के साथ होता है जैसे हमारे बाल सफेद होते हैं उसी तरह हमारी आंखों का लेंस भी सफेद होने लग जाता है

कैसे पता करें कि आपकी आंख में मोतियाबिंद है :-

अगर आपकी आंख का लेंस धीरे-धीरे सफेद होने लग जाए तो इसमें होता यह है कि आपकी आंखों में जो लाइट अंदर परदे तक जाती है वह इस सफेदी की वजह से थोड़ी रुक जाती है और यह रोशनी पूरी पर्दे तक नहीं पहुंच पाती है जिसकी वजह से जो  सबसे पहला लक्षण आता है, वह यह कि आपकी नजर धीमी पड़ने लगती है जिससे आपके चश्मे का नंबर चेंज होने लगता है आप जब रात में निकलते हो , या गाड़ी चलाते हो, तो सामने से आ रही लाइट आपको चुभने लग जाती है ,कभी-कभी हमें डबल इमेज दिखने लग जाती है, जैसे आप चांद को देखो तो चाँद डबल दिखने लगते हैं इस तरह के लक्षण अगर आपकी आंखों में आ रहे हैं तो बहुत ज्यादा ये मान कर चले कि आपके आंखों में मोतियाबिंद लक्षण आ रहे हैं और आपको अपने डॉक्टर से सलाह  लेनी चाहिए।

कैटरेक्ट मोतियाबिंद सफेद मोतियाबिंद का इलाज क्या है:-

सफेद मोतियाबिंद के अगर आपको कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हैं तो आप जान ले की इस बीमारी का सिर्फ एक ही इलाज है और वह है ऑपरेशन, ऑपरेशन के अलावा अभी तक कोई और इलाज मोतियाबिंद के लिए नहीं आया है इस ऑपरेशन में आपका जो सफेद हुआ लेंस है उसे निकाल कर एक नया लेंस लगा दिया जाता है जैसे ही यह नया लेंस लगाया जाता है तो रोशनी जो कि पर्दे तक जाती है उसका रास्ता साफ हो जाता है और हमें साफ नजर आना शुरू हो जाता है

सर्जरी करने की कौन-कौन सी तकनीक है :-

सबसे पहले तो यह जान लेते हैं कि सफेद मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कोई टंका नहीं लगता है ऑपरेशन कराने के वक्त बाद में कोई दर्द नहीं होता है और ना ही इंजेक्शन लगाया जाता है यह पूरी सर्जरी ड्रॉप से हो जाती है यह तकनीक इतनी अच्छी हो चुकी है कि पेशेंट को जरा सा भी दर्द का एहसास नहीं होता है और पेशेंट दूसरे दिन से ही चलने फ़िरने लग जाता है, बस सात दिन के कुछ परहेज होते है। जैसे आंखों को पानी, धूल, और तेज़ रोशनी से बचा के रखना होता है।
मोतियाबिंद की सर्जरी के दौरान सबसे पहला काम जो नेचुरल लेंस है उसे निकालने का काम किया जाता है नेचुरल लेंस को निकालने के लिए आज की डेट में कई तकनीक आ चुकी है लेकिन हम पुरानी सारी तकनीक को छोड़कर आज के समय में जो तकनीक ज्यादातर  चल रही है उस तकनीक के बारे में बात करेंगे
सबसे बेसिक तकनीक जो आज की तारीख में है लेंस को बाहर निकालने की अगर पुरानी तकनीक की बात करें तो एस आई सी एस ई सी सी तकनीक थी जिसमें बहुत बड़ा चीरा लगाया जाता था आजकल जो ऑपरेशन ज्यादातर अस्पताल में होता है वह दूरबीन से करते हैं जिसमे छोटे से चीरे से पूरी सर्जरी की जाती है

सबसे पहला जो तकनीक है वह है :-

MICS माइक्रो इंसीजन कैटरेक्ट सर्जरी
समय के साथ-साथ हॉस्पिटल ऑपरेशन को करने के लिए नई नई तकनीक लाते रहते हैं एम आईसीएसबी उसमें से एक तकनीक है जो की बहुत ही आसान सर्जरी है सभी अस्पताल में यह बेसिक तौर पर ज्यादा होती है लेकिन जैसे-जैसे नई तकनीक आती जा रही है अब एम आई सी एस को भी पुरानी तकनीक के तौर पर देखे जाने लगा है आजकल एमआईसी तकनीक के द्वारा कोई सर्जरी नही कराना चाहता, सब लेजर से ही अपनी सर्जरी करना चाहते है।
ZEPTO (Safer White Cataract and Hard Surgery)
Zepto सर्जरी में जो हार्ड  कैटरिक होते हैं, जो कैटरिक सर्जरी पूरी तरह से पक गए हो जो लेंस  बिल्कुल सफेद हो गया हो या काला हो गया है इस तरह के मोतियाबिंद  को बाहर निकालने के लिए जैपेटो लेजर सर्जरी का यूज करते हैं यह टेक्नोलॉजी उन्हीं लोगों के लिए यूज़ की जाती है जिनकी आंख का कैटरिक पूरी तरह से पक गया हो या हार्ड हो गई हो।
Femto Laser With Artificial Intelligence
कैटरेक्ट सर्जरी की दुनिया की यह सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है इस सर्जरी के दौरान लगभग 6 मशीनों का यूज करके इस तरह से सर्जरी की जाती है कि इस सर्जरी के दौरान ना दर्द होता है ना चीरा लगता है ना ही कोई इंजेक्शन लगता है परंतु इस सर्जरी की टेक्नोलॉजी की एक शर्त है वह यह कि आपका मोतियाबिंद पका हुआ नहीं होना चाहिए पहले की तकनीकी की बात करें तो पहले डॉक्टर अगर हमारी आंखों में मोतियाबिंद के  लक्षण देखते थे तो कहते थे कि इसे पूरी तरह से पकने के बाद या सफेद होने के बाद सर्जरी करने की सलाह देते थे क्योंकि पहले आंख में चीरा लगाकर पूरे लेंस को बाहर निकाला जाता था और उसी चीरे  के रास्ते दूसरा नया लेंस लगा दिया जाता था पर उस सर्जरी में आंख में पांच से छह टांके लगाए जाते थे इसलिए आज की नई टेक्नोलॉजी के अंतर्गत डॉक्टर मोतियाबिंद के लक्षण आंख में देखते ही पेशेंट की सर्जरी करने के लिए सलाह देते हैं क्योंकि यह नई तकनीक पूरी तरह से लेजर के माध्यम से होती है अगर  मोतियाबिंद पूरी तरह से पक जाएगा तो लेज़र को हार्ड हुए लेंस को  तोड़ने में थोड़ा ज्यादा जोर लगाना पड़ता है जिसके कारण आपके आंख के अंदर के दूसरे टिश्यू को नुकसान होने की संभावना बन जाती है, तो यह समझ ले कि इस तकनीक में आपका मोतियाबिंद ज्यादा पका हुआ नहीं होना चाहिए आसान भाषा में समझे तो अगर आपको सामान्य दिनचर्या में कार्य करने  में, आपको अपने विजन में कमी महसूस हो रही है तो आप को मोतियाबिंद की सर्जरी करा लेनी चाहिए
यह जान ले की आज के समय में जो सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है वह Femto Laser With Artificial Intelligence
टेक्नोलॉजी ही है इस सर्जरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आप के सफेद हुए लेंस को बिना चीरा लगाए 100 % एक्यूरेसी के साथ लेजर के माध्यम से तोड़कर बाहर निकाला जाता है!
अभी तक हमने जाना कि मोतियाबिंद कैसे होता है, उसके लक्षण क्या-क्या है और इसका इलाज क्या है और इलाज के कौन-कौन सी तकनीक मार्केट में आज के समय में उपलब्ध है!
अब हम जानेंगे कि नेचुरल लेंस जो कि सफेद पड़ गया था उसे बाहर निकालने के बाद की प्रक्रिया क्या होती है नेचुरल लेंस बाहर निकालने के बाद हम आंख में एक नया लेंस लगाया जाता है जिससे आंख के परदे तक पहुंचने वाली रोशनी सही तरीके से पहुंचने लगती है उसमें कोई अवरोध उत्पन्न नहीं होता है तो हमारी आंखों की देखने की क्षमता पहले जैसी हो जाती है
कौन सा लेंस सही रहेगा और लेंस सहित पूरी cataract surgery cost क्या होती :-

Monofocal Lens

मोनोफोकल लेंस में आपको गाड़ी चलाना है घूमना फिरना है सामान्य कार्य करना है यह सारे कार्य आप आसानी से कर पाते हैं लेकिन आपको नजदीक का काम करना हो या पढ़ना हो ,कंप्यूटर यूज करना हो तो आपको चश्मे की जरूरत पड़ती है अगर आप मोनोफोकल में बेस्ट लेंस लगवाना चाहते हैं तो एलकॉन एग्रोसॉफ्ट आईक्यू लेंस आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन रहेगा इस लेंस को लगवाने के बाद आप भूल जाइए कि आपको कभी कोई प्रॉब्लम भी हुई थी

Mono Focal+ Depth of Focal Lens

आज की टेक्नोलॉजी के आधार पर 90 % लोगों में  Mono Focal+ Depth of Focal लेंस  ही डॉक्टर लगाने की सलाह देते हैं इस लेंस से आप की दूर का भी साफ दिखेगा आपको गाड़ी चलाना है या फिल्म देखना है टीवी देखना है यह सब आप कर पाएंगे बीच का भी दिखेगा जैसे कंप्यूटर चलाना है लैपटॉप चलाना है मोबाइल यूज करना है लेकिन आपको बहुत नजदीक का काम करना है या पढ़ना है तो आपको चश्मा लगाना पड़ेगा इस लेंस में भी दो लेंस होते हैं जो बहुत अच्छे माने जाते हैं
  1. Tecnis Eyhance IOL
  2. Alcon Vivity IOL

Toric Lens

Toric को समझने के लिए आप यह जान ले की एक इंसान की आंखों में दो तरह के नंबर होते हैं
  1. Spherical
  2. Cylindrical
अगर आपका सिर्फ से spherical नंबर है तब तो डॉक्टर Mono Focal+ Depth of Focal लगाते हैं लेकिन अगर आपका नंबर Cylindrical है तब डॉक्टर आपकी आंखों में टोरिक लेंस लगाते हैं ताकि आप की नजर और भी अच्छी हो सके!
अब समझने वाली बात यह है कि टोरिक लेंस मोनोफोकल में भी आते हैं और Mono Focal+ Depth of Focal में भी आते हैं तो कैसे समझें कि कौन सा लेंस आंखों के लिए सही रहेगा और सिलैंडरिकल नंबर भी है तो अगर आप टोरिक मोनोफोकल लेंस की तरफ जाना चाहते हैं तो एक ही लेंस अच्छा है और वह Acrysof IQ lens BY Alcon है जिसका टोरिक लेंस लगाया जाएगा और अगर आप Mono Focal+ Depth of Focal  के साथ जाना चाहते हो तो Alcon Vivity IOL लेंस सबसे अच्छा लेंस माना जाता है!
एलिकॉन बीबीटी टोरिक लेंस आज के समय में  सबसे ज्यादा लगाया जा रहा है क्योंकि यह लेंस सबसे ज्यादा बेस्ट लेंस है इसका रिजल्ट बहुत ही अच्छा होता है!

Multifocal Lens

मल्टीफोकल लेंस आपको दूर का भी साफ दिखेगा बीच का भी साफ दिखेगा और नजदीक का भी साफ दिखेगा पर मल्टीफोकल लेंस में एक बहुत बड़ी समस्या दिखाई देती है और यह समस्या है हाय ब्रो एंड ब्राउज़र के रूप में सामने आती है जब आप रात में कहीं बाहर जाएंगे तो सामने से आ रही लाइट या रोड लाइट आपको फेली फेली दिखाई देगी, लाइट के अगल बगल छल्ले से दिखाई देंगे जिसके कारण सर्जरी होने के बाद भी पेशेंट अपने विजन से संतुष्ट नहीं रहता है और यही कारण है कि डॉक्टर भी मल्टीफोकल लेंस की सलाह नहीं देते हैं यह लेंस जो सिर्फ घर पर रहते हैं ज्यादा कुछ काम नहीं करते डॉक्टर उन्हीं को लगाने की सलाह देते हैं इस लेंस को डॉक्टर द्वारा अगर बात करें तो मार्केट में लगभग 1 % से भी कम पेशेंट में इस लेंस को लगाने की सलाह दी जाती है!
अब तक हमने कैटरेक्ट सर्जरी और उसमें लगने वाले लेंस के बारे में जाना और अगर आपको या आपकी फैमिली में किसी को भी कैटरेक्ट सर्जरी करानी है तो Femto Laser With Artificial Intelligence जैसी टेक्नोलॉजी के साथ ही सर्जरी करवाएं यह टेक्नोलॉजी बिल्कुल नई टेक्नोलॉजी है और लेंस अगर सिलैंडरिकल नंबर नहीं है तो Mono Focal+ Depth of Focal Lens Alcon Vivity IOL वाला लेंस लगवाए और सिलैंडरिकल नंबर है तो Mono Focal+ Depth of Focal Lens Alcon Vivity IOL Toric लेंस ही लगवाएं !

cataract surgery cost

  1. MICS with Monofocal Lens Rs 40000-60000
  2. MICS with Mono Focal+ Depth of Focal Lens  Rs 60000-80000
  3. Femto Laser With Artificial Intelligence with Mono Focal+ Depth of Focal Lens Alcon Vivity IOL Rs 80000-150000
  4. Femto Laser With Artificial Intelligence with Mono Focal+ Depth of Focal Lens Alcon Vivity IOL Toric Rs 80000-150000
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