sabudana khichdi recipe बहुत ही आसान है जिसका सेवन भारतीय संस्कृति में व्रत और उपवास के समय किया जाता है, सफेद दानों वाला ये खाद्य पदार्थ भारत में कई और तरह के व्यंजन बनाने के भी काम आता है जैसे खीर , पापड़ , साबूदाने के बड़े और अन्य । साबूदाना मिट्टी के अंदर उगने वाले कसावा की जड़ के स्टार्च से तैयार किया जाता है। साबूदाना व्रत और उपवास में खाने वाले व्यंजन तो है, ही इसके साथ -साथ ये शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी है , इसमें कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाए जाते है, साबूदाना खाने से हमारे शरीर का वजन तेजी से बढ़ता है, इसके साथ -साथ इसके नियमित सेवन से कमजोर हड्डियों में ताकत आने लग जाती है साबूदाना एक ऊर्जावान व्यंजन है इसमें मौजूद प्रोटीन मसल्स को बहुत अधिक ताकत प्रदान करते है और हमारा शरीर पूरे दिन बिना थके कार्य कर सकता है । साबूदाने में पाये जाने वाला पोटेशियम हार्ट सम्बंधी रोग के साथ -साथ उच्च रक्तचाप की समस्या से भी दूर करने में बहुत ही कारगर है। साबूदाना हमारे संस्कृति का एक अहम व्यंजन होने के साथ – साथ हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी है और इसलिए आज हम sabudana khichdi recipe विस्तार से जानेंगे।
sabudana khichdi recipe में लगने वाली सामग्री
आज हम तीन लोगों के हिसाब से साबूदाने की खिचड़ी बना रहे है आप अपने घर के सदस्यों के अनुसार साबूदाने की खिचड़ी में लगने वाली सामग्री में बदलाव कर सकते है।
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सामग्री
2 कप साबूदाना (2 घंटे पानी मे भीगा हुआ)
2 मीडियम साइज के आलू (उबाल कर छिले हुए)
1 टमाटर कटा हुआ
50 ग्राम कच्चे मूगफली के दाने
1/2 टी स्पून जीरा
1 टी स्पून नमक
1/2 टी स्पून हल्दी
2 हरी मिर्च कटी हुई
बारीक़ कटी हरी धनिया
2 बड़े स्पून देसी घी
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साबूदाने की खिचड़ी बनाने की विधि:
1. पैन को धीमे फ्लैम पर रख कर उसमें 1 बड़ा स्पून देसी घी डालेंगे उसमें 50 ग्राम मूंगफली धूल कर भुनने के लिए डाले। इसे धीमें फ्लैम पर ही भुने नही तो ये अंदर से कच्ची रह जायेगी। इसे थोड़ी – थोड़ी देर पर चलाते रहे। ताकि ये अच्छे से सेक जाए। जब मूंगफली चटक कर फूटने लगें तो समझ जाएं कि ये पक गयी है। और इसे एक प्लेट में निकाल ले।
2 . अब दुबारा उसी पैन में 1 बड़ा स्पून देसी घी डाले और घी के गर्म होने पर उसमें 1/2 टी स्पून जीरा डाल कर भूनेंगे।
3. जीरा जब भून जाये तो उसमें बारीक कटी हरी मिर्च डालनी है, औऱ उसके भुनने का इंतज़ार करना है , वैसे तो इसे मीडियम फ्लैम पे ही पकाना है, पर अगर आपको लगे कि फ्लैम तेज़ है तो गैस का फ्लैम धीमा भी कर सकते है।
4. देसी घी में जीरा और हरी मिर्च के भुनने के बाद इसमें 1/2 टी स्पून हल्दी पाउडर डाल के इसे चलाते रहे। अब इसमें एक कटा हुआ पूरा टमाटर डाल देंगे। और इसको अच्छे से भुने।
5 . टमाटर जब अच्छे से भून कर गल जाए तो उसमें भुनी हुई मूंगफली और दो घंटे भीगे हुए साबूदाने का पानी निचोड़ कर उसे भी डाल दे। इसे चलाते रहे।
6. लगभग 5 मिनट तक इसे भुनने के बाद इसमें उबले हुए आलू मसल कर डाल देंगे । और अब इसमें अपने स्वाद अनुसार नमक या सेंधा नमक डालें और इसे चलाते रहे।
7 . पैन को ढकन से ढक दे और खिचड़ी को धीमे फ्लैम पर लगभग 10 मिनट तक पकने दे।
8. ढकन हटा कर अब इसे चलायें और गैस का फ्लैम तेज़ कर दे ताकि ये थोड़ा कुरकुरा और चूरचूर हो जाये।
9 . गैस का फ्लैम बन्द कर दे और बारीक कटे हरी धनिया ऊपर से डाले। और अब ये परोसने करने के लिए तैयार है।
साबूदाने की खिचड़ी परोसने का तरीका
साबूदाने की खिचड़ी खाश तौर पे लोग व्रत या उपवास में ही खाते है, इसलिए इसमें सेंधा नमक ही डाला जाता है साथ मे इसे प्लेट में निकाल कर ऊपर से फलहारी नमकीन डाली जाती है, जिससे इसका टेस्ट ज्यादा बढ़ जाता है।अब यह खाने के लिए तैयार है , जिसे चाय के साथ खाये तो दिन भर पेट भरा – भरा लगता है और व्रत या उपवास में इसे खाने के बाद कुछ और खाने की जरूरत महसूस नही होती है।
साबूदाने की खिचड़ी बनाते वक़्त ध्यान देने वाली बातें :-
1 . मूंगफली भूनते वक़्त उसे चलाते रहे और धीमी आँच में ही भुने नहीं तो मूंगफली कच्ची रह जायेगी।
2. साबूदाने के दानों को दो घण्टे से ज्यादा पानी में ना भिगोये क्योंकि यह ज्यादा नरम होने पे चिपचिपा हो जाता है।
3 . पैन में इसे पकाते वक़्त इसे चलाते रहे नही तो यह पैन में चपक सकता है।
4 . अगर आप इसे व्रत या उपवास के लिए बना रहे है तो इसमें सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करे।
आशा करती हूँ की साबूदाने के बारे में दी गयी जानकारी और साबूदाने से बनने वाली खिचड़ी की रेसिपी आपको अच्छी लगी होगी , अगर मेरे द्वारा बताई गयी रेसिपी अच्छी लगी हो या उसमें कुछ और नया जोड़ा जा सकता है तो कमेंट्स बॉक्स में लिख के जरूर बातये ! आप हमें इंस्टाग्रम , फेसबुक और यूट्यूब पे भी फॉलो कर सकते है !
BY :- Reena Singh