एक पहाड़ पर बहती नदी के किनारे सुबह के समय एक औरत बहुत तेज आवाज में चिल्ला रही थी बचाओ बचाओ मेरे बच्चे को कोई बचाओ मेरे बच्चे को बचाओ लोग दौड़-दौड़ कर आए और वहां पर बहुत लोग इकट्ठा हो गए लेकिन किसी भी ऐसे व्यक्ति साहस नहीं था कि वह पानी में कूद करके उस बच्चे को बचा ले बहती नदी का बहाव इतना तेज था कि लोग घबरा रहे थे और ऊंची ऊंची चट्टानों से लोगों को डर था कहीं टकराकर उनकी हड्डियां ना चूर चूर हो जाए इसलिए पानी में कूदकर उस बच्चे को बचाने का साहस कोई भी नहीं कर पा रहा था इतने में एक बच्चा जो कि 18 वर्ष का था वह दौड़ा-दौड़ा वहां पर पहुंचा उसने अपने कपड़े उतारे और तुरंत पानी में कूद गया और उस डूबते हुए बच्चे को उसने बचा लिया उसने अपनी पीठ पर उस बच्चे को लेकर के पानी के किनारे आया वह युवक था जॉर्ज वाशिंगटन और ये hindi kahani for kids के लिए ही है जो आपको बहुत कुछ सिखाती है !
जॉर्ज वाशिंगटन एक बहुत ही गरीब किसान का बेटा था जो कि अपना लालन-पालन बड़ी मुश्किल से ही कर पाता था जॉर्ज वाशिंगटन जब छोटा था तो उसके पिता ने उसको एक कुल्हाड़ी दी थी जॉर्ज जब भी कही बाहर खेलने जाता था वो वह उस कुल्हाड़ी को अपने साथ लेकर जाता था शाम के वक़्त वो अपने घर के पास एक बगीचे में खेलने के लिए जाता था और वहा भी वह अपनी कुल्हाड़ी को साथ लेकर जाता था ! जॉर्ज अक्सर उस कुल्हाड़ी से कई पेड़ काटता रहता था एक दिन उसके पिताजी के द्वारा लगाया हुआ एक फल का पेड़ जो कि बड़ा हो चुका था जॉर्ज ने उसे भी कुल्हाड़ी काट दिया जॉर्ज के पिता जब उस बगीचे में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वह फल का पेड़ कटा हुआ है उन्हें बहुत ही तकलीफ हुई वो सोचने लगे की इस पेड़ को आखिर कौन काट सकता है उन्होंने मालियों से पूछा पर किसी ने भी पेड़ काटना स्वीकार नहीं किया तब घर जाकर जॉर्ज से पूछा जॉर्ज थोड़ा घबराया हुआ था लेकिन उसने हामी भरी कि हां पिताजी मैंने खेल-खेल में उसे काट दिया जॉर्ज के पिताजी ज्यादा नाराज तो नहीं हुए लेकिन उन्होंने उसे थोड़ा सा डांट लगाई और कहा बेटा मैंने तुम्हें कुल्हाड़ी पेड़ काटने के लिए तो नहीं दी थी परंतु तेरी सच्ची बात सुनकर अच्छा लगा तूने अपनी गलती को स्वीकार किया कि तुझसे गलती हो गई है तुमने अपनी गलती स्वीकार की इसलिए मैं तुम्हें क्षमा करता हूं यही वह बालक है जो आगे चलकर अमेरिका का राष्ट्रपति बना जिसका नाम आज भी लोग सम्मान से लेते हैं !
कहानी का सार :-
hindi kahani for kids जीवन में कुछ भी बनने से पहले ईमानदार बने , चाहे वह खुद के प्रति हो या किसी और के प्रति !