कभी कभी मुझे लगता है की मंजिल की तलाश करते-करते हमें रास्ते पे चलने की आदत इस कदर हो जाती है की हमें रास्ते से ही प्यार हो जाता है , प्यार हो जाने के बाद क्या फर्क पड़ता है की रास्ता आसान , या खूबसूरत है या ढेर सारी तकलीफों से भरा हुआ बस काम करते करते हम अपने काम में इतना रम जाते है की काम से ज्यादा अच्छा हमें कुछ लगता ही नहीं ! फिर क्या धुप , क्या गर्मी और कैसी परेशानी हम सब चीजों का सामना खुशी -खुशी करते है !
ये पल खुद ब खुद गुजर जायेगा – self motivation poem hindi
पर कभी-कभी मुझे लगता है की मंजिल की तलाश करते-करते हमें रास्ते पे चलने की आदत इस कदर हो जाती है की हमें रास्ते से ही प्यार हो जाता है , प्यार हो जाने के बाद क्या फर्क पड़ता है की रास्ता आसान , या खूबसूरत है या ढेर सारी तकलीफों से भरा हुआ बस काम करते करते हम अपने काम में इतना रम जाते है की काम से ज्यादा अच्छा हमें कुछ लगता ही नहीं ! फिर क्या धुप , क्या गर्मी और कैसी परेशानी हम सब चीजों का सामना खुशी -खुशी करते है ! पर कभी -कभी लगता है की मंजिल को भी पाना तो जरुरी है ! क्या हुआ जो रास्ते से प्यार है पर जिंदगी में कुछ मुकाम पाना भी तो जरुरी होता है ! हैरानी की बात है ना, जब किसी मंजिल को पाने का रास्ता एक ही है तो कुछ लोगों के मंजिल पे पहुंचने का वक़्त कम क्यों होता है ! क्यों वो चन्द प्रयासो में ही अपनी मंजिल को पा लेते है ! शायद इसी को भाग्य कहा जाता है !
Hindi Poem of Nature :- यह वक्त हमें बचपन से विदा कर बड़ा कर चुका था
मैंने कई बड़े महात्माओं से सुना है की आपका कर्म ही आपके आगे के रास्ते को तय करता है , यही तो है जो मंजिल तक पहुंचने के भाग्य को चमकाता है पर ऐसा तभी संभव है जब आप रास्ते पे चलने के लिए तैयार हो ! अगर हम ये सोचे की एक ही जगह पर बैठे-बैठे हमें सब हासिल हो जायेगा तो ऐसा कभी नहीं होने वाला !
अब जिन लोगो के पुराने कर्मो की सजा अगर किसी को मिल रही है जिसकी वजह से कितनी भी मेहनत क्यों ना कर लो मगर मंजिल तक पहुंचने का रास्ता साफ़ नहीं हो पा रहा तो याद रखे आपको उतनी ही ज्यादा मेहनत करनी होगी , क्योंकि एक मेहनत ही है जो लगातार करते रहने से हर मंजिल तक आपको पंहुचा सकती है फिर चाहे जितने ही आपके कर्म ख़राब रहे हो या आपका भाग्य साथ ना दे रहा हो ! अगर पुरे आत्मविश्वाश के साथ किसी भी कार्य को किया जाये तो मंजिल कितनी ही दूर क्यों ना हो, उस तक पहुंचने के लिए रास्ते में कितनी ही मुसीबते क्यों ना आ रहे हो ! आप हर मुसीबतो , परेशानियों से निकल तक एक ना एक दिन मंजिल तक पहुंच ही जाओगे !
“याद रहे अगर भाग्य खराब हो तो दुगनी मेहनत से ही मंजिल प्राप्त किया जा सकता है
शर्त बस इतनी है की मर जाना मगर हार मत मानना, क्योंकि दुगनी मेहनत करते वक़्त अक्सर लोग धैर्य खो बैठते है ! “
ये जो पल है, खुद ब खुद गुजर जायेगा
सच तो ये है, यही पल हमें बहुत याद आयेगा
ये माना की सूरज की गर्मी कड़ती धुप दे रही है
राहों पे ना चलने को हमें मजबूर कर रही है
मगर ये मुसाफिर तू हौशला मत हार
यही कड़ती धुप तो तुझे चलने की रोशनी दे रही है
पल -पल धुप में झुलसना बहुत याद आएगा
सच तो ये है, की ये पल खुद ब खुद गुजर जायेगा
By : Vivek Singh