लैट्रिन में खून क्यों आता है- latrine ke raste blood aana

आज हम बात करेंगे latrine ke raste blood aana और उससे होने वाले दर्द के बारे में , क्या यह एक आम बात है! जब हमारी लैट्रिन करने वाले रास्ते से ब्लड निकलता दिखाई दे तो उसे ही रेक्टल ब्लीडिंग कहते हैं रेक्टल ब्लीडिंग दो तरह की होती है कभी-कभी यह मल निकालते वक्त बूंद के रूप में निकलती है और कभी-कभी यह जेड फॉर्म में निकलती है लैट्रिन के रास्ते से जो ब्लड निकलता है वो कई रंग में निकल सकता है,लेकिन जैसे ही हम ब्लड की बात करते हैं तो हमें लगता है कि यह लाल रंग का ही होगा परंतु ऐसा नहीं है हमारे मल द्वार से आने वाला ब्लड लाल,मैरून या ब्लैक रंग का हो सकता है कई बार ऐसा भी होता है कि हमारे लैट्रिन करने वाले रास्ते से निकला हुआ ब्लड हमें दिखाई भी नहीं देता हमारे लैट्रिन (स्टूल) में ब्लड है कि नहीं इसके लिए टेस्ट करने की जरूरत पड़ती है इस तरह की ब्लड को Occult Blood बोलते हैं जिसकी जानकारी Fecal Occult Blood Test (FOBT) टेस्ट के माध्यम से की जा सकती है साधारण भाषा में अगर समझना है तो रेक्टल ब्लीडिंग है या नहीं  तो जान ले यह गाढ़ा लाल, मैरून या ब्लैक रंग का हो सकता है या फिर यह Occult Blood हो सकता है जो हमें हमारी आंखों से दिखाई नहीं देता है!
latrine ke raste blood aana
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रेक्टल ब्लीडिंग के क्या कारण है!

  • एनल फिशर

लैट्रिन के रास्ते में अगर कोई कट लग गया हो तो उस कारण से ब्लड आना शुरू हो जाता है!

  • पाइल्स

लैट्रिन के रास्ते में अगर पाइल्स डेवलप हो गया हो तो उससे भी ब्लड आना शुरू हो जाता है!

  • डिवैर्टिकुलसिस

बड़ी आंत में अगर कई कारणों से इंफेक्शन हो जाते हैं जिससे आंत में अल्सर हो जाते हैं जिसे डिवैर्टिकुलसिस भी कहते हैं!

  • पोलिप्स

पोलिप्स होने के चांस ज्यादातर बच्चों में होते हैं परंतु यह बड़े लोगों में भी देखा गया है इसमें छोटे-छोटे मांस की गांठ बन जाती हैं जिससे ब्लड आना शुरू हो जाता है!

  • कोलन कैंसर

ब्लड आने की समस्या में यह सबसे खतरनाक होने के साथ-साथ दर्दनाक भी होते हैं कोलन कैंसर भी एक कारण है जिससे ब्लड अधिक मात्रा में आना शुरू हो जाते हैं!

इन पांचों कारणों में जो सबसे कॉमन चीज है वह है आंतों में होने वाले इन्फेक्शन ! आंत में चाहे bacillary Dysentery हो या अमीबिक Dysentery इससे हमेशा ब्लड आता ही आता है, इसके अलावा अगर बात की जाए तो एक और colitis है जिसे ulcerative colitis बोलते हैं अगर ulcerative colitis है तो फिर ब्लड आने की पूरी संभावना है रेक्टम के पास जहां लैट्रिन इकट्ठा होता है वहां अगर कोई इंफेक्शन होता है तो छाले पड़ जाते हैं जिस वजह से भी ब्लड आ सकता है इससे प्रैक्टिस कहते हैं हमारी जो बड़ी आंत है उसमें जो ब्लड की नालिया है उनसे छोटे-छोटे गुछे बन जाते हैं उनसे भी ब्लडिंग होने लगती है इस तरह की समस्या बढ़ते हुए उम्र में आ सकती है!

बड़ी आंत के अलावा कहा से आ सकता है ब्लड

लैट्रिन से अगर ब्लड आ रहा है तो यह जरूरी नहीं कि वह बड़ी आंत से ही आ रहा हो ब्लड आने की पूरी संभावना वैसे तो कोलन से ही होती है लेकिन कभी-कभी यह इससे ऊपर वाले भाग से भी आ सकती है ज्यादातर केस में देखा गया है कि अगर कोलन से ब्लड आने की समस्या नहीं दिखाई देती तो आपके खाने की थैली में समस्या हो सकती है कई बार हमारे खाने की थैली में गैस्ट्रिक अल्सर हो जाने के कारण वहां से भी ब्लड का रिसाव हो सकता है ऐसे ही अगर हमारी छोटी आंत में कोई समस्या है तो वहां से भी ब्लड आ सकता है!

इसकी पहचान कैसे करें

हमारी लैट्रिन के रास्ते जब भी ब्लड आता है तो उसकी पहचान कैसे करें
  • मरोड़ के साथ बहुत अधिक दर्द होगा और इस दर्द के कारण लैट्रिन के रास्ते ब्लड आ सकता है
  • लैट्रिन बार-बार जाना पड़ रहा है, और उस दौरान बार-बार ब्लड भी आ रहा है ऐसे में लैट्रिन आने की शंका बार-बार बनी रहती है, लेकिन लैट्रिंग बहुत कम-कम आता है !

लैट्रिन में ब्लड आने पे किस डॉक्टर से मिले

  • अगर ब्लड कभी-कभी आ रहा है तो ऐसे लक्षण में आप जनरल फिजिशियन https://www.apollo247.com/doctors से मिलकर अपनी समस्या बता सकते हो !
  • अगर ब्लड लगातार आ रहा है और दर्द ज्यादा हो रहा है ,आपको दर्द के लिए दवा लेनी पड़ रही है तो ऐसे में आपको गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट को दिखाने की जरूरत है जो एंडोस्कोपी, कोलोंस्कोपी या सिग्माइडोस्कोपी प्रोसीजर करते हैं !
  • कई बार सारी जांच करने के बाद यह पता चलता है की यह सर्जिकल प्रॉब्लम है तो ऐसे में आपको गैस्ट्रो इंटेस्टिनल सर्जन से ट्रीटमेंट लेने की जरूरत पड़ सकती है!
  • इस तरह के केस में आपको कोलोरेक्टल सर्जन की भी जरूरत पड़ सकती है !

डॉक्टर इसकी पहचान कैसे करते हैं

  • हिस्ट्री

डॉक्टर आप से ब्लड आने की पूरी जानकारी लेंगे कि कब- कब ब्लड आया कितनी मात्रा में आया लैट्रिन के साथ मिक्स होके आया या सिर्फ ब्लड आया !

  • फिजिकल एग्जामिनेशन

डॉक्टर फिजिकल एग्जामिनेशन के द्वारा आपके पेट की जांच करते हैं, कि कहीं कोई गाँठ तो नहीं या कोई ऑरगैन तो नहीं बढ़ गया है !

  • प्रोक्टोस्कोपी

लैट्रिन के रास्ते से एक ट्यूब पास करके जांच की जाती है कि अंदर कोई छाले तो नहीं है!

  • सिग्मोइडोस्कोपी

यह फ्लैक्सिबल इंस्ट्रूमेंट होता है जिसके द्वारा लैट्रिन के रास्ते इंस्ट्रूमेंट को डालकर लैट्रिन के रास्ते, रेक्टम और सिग्मोइड की जांच की जाती है !

  • कोलोनोस्कोपी

कोलोनोस्कोपी के द्वारा पूरी आंत की जाँच की जाती है जिसमें पूरी आंत का एग्जामिनेशन किया जाता है कि बड़ी आंत में कोई समस्या तो नहीं है !

  • Upper GI एंडोस्कोपी

कई बार बड़ी आंत से ब्लड का स्रोत नहीं मिलता तो upper GI एंडोस्कोपी करनी पड़ती है जिसमें गले के रास्ते जांच की जाती है !

  • कैप्सूल एंडोस्कोपी

डॉक्टर को अगर लगता है कि ब्लड का जो आने वाला स्रोत है वह छोटीआंत से है तो कैप्सूल एंडोस्कोपी करने की जरूरत पड़ती है !

  • Radionucleotide स्कैन एंड एंजियोग्राफी

इस जांच की जरूरत तभी पड़ती है जब ब्लड लगातार आ रहा हो ऐसी कंडीशन में Radionucleotide स्कैन एंड एंजियोग्राफी की जरूरत पड़ती है !

क्या है ट्रीटमेंट

डॉक्टर latrine ke raste blood aana का कारण और उसका  फिजिकल एग्जामिनेशन करने के बाद और सारी हिस्ट्री लेने के बाद अगर मालूम होता है कि ब्लड लॉस ज्यादा हो गया है जिससे खून की कमी हो गई है तो सबसे पहले डॉक्टर ब्लड ट्रांसफ्यूजन करने को बोलते हैं इसके बाद डॉक्टर जल्द से जल्द यह जानने की कोशिश करते हैं कि ब्लड कहां से आ रहा है ऐसी कंडीशन में डॉक्टर ब्लड के स्रोत को जल्द से जल्द खोज कर बंद करने की कोशिश करते हैं एक बार स्रोत का पता चलने के बाद डॉक्टर सर्जरी के द्वारा उस स्रोत को बंद कर देते हैं डॉक्टर द्वारा पेशेंट को यह विश्वास दिलाया जाता है कि रेक्टल ब्लीडिंग को रोक दिया जाएगा! बस एक बार ब्लड का स्रोत पता चल जाए और स्रोत पता चलते ही डॉक्टर द्वारा इस आ रहे ब्लड के स्रोत को बंद कर दिया जाता है!
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