रेक्टल ब्लीडिंग के क्या कारण है!
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एनल फिशर
लैट्रिन के रास्ते में अगर कोई कट लग गया हो तो उस कारण से ब्लड आना शुरू हो जाता है!
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पाइल्स
लैट्रिन के रास्ते में अगर पाइल्स डेवलप हो गया हो तो उससे भी ब्लड आना शुरू हो जाता है!
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डिवैर्टिकुलसिस
बड़ी आंत में अगर कई कारणों से इंफेक्शन हो जाते हैं जिससे आंत में अल्सर हो जाते हैं जिसे डिवैर्टिकुलसिस भी कहते हैं!
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पोलिप्स
पोलिप्स होने के चांस ज्यादातर बच्चों में होते हैं परंतु यह बड़े लोगों में भी देखा गया है इसमें छोटे-छोटे मांस की गांठ बन जाती हैं जिससे ब्लड आना शुरू हो जाता है!
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कोलन कैंसर
ब्लड आने की समस्या में यह सबसे खतरनाक होने के साथ-साथ दर्दनाक भी होते हैं कोलन कैंसर भी एक कारण है जिससे ब्लड अधिक मात्रा में आना शुरू हो जाते हैं!
बड़ी आंत के अलावा कहा से आ सकता है ब्लड
इसकी पहचान कैसे करें
- मरोड़ के साथ बहुत अधिक दर्द होगा और इस दर्द के कारण लैट्रिन के रास्ते ब्लड आ सकता है
- लैट्रिन बार-बार जाना पड़ रहा है, और उस दौरान बार-बार ब्लड भी आ रहा है ऐसे में लैट्रिन आने की शंका बार-बार बनी रहती है, लेकिन लैट्रिंग बहुत कम-कम आता है !
लैट्रिन में ब्लड आने पे किस डॉक्टर से मिले
- अगर ब्लड कभी-कभी आ रहा है तो ऐसे लक्षण में आप जनरल फिजिशियन https://www.apollo247.com/doctors से मिलकर अपनी समस्या बता सकते हो !
- अगर ब्लड लगातार आ रहा है और दर्द ज्यादा हो रहा है ,आपको दर्द के लिए दवा लेनी पड़ रही है तो ऐसे में आपको गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट को दिखाने की जरूरत है जो एंडोस्कोपी, कोलोंस्कोपी या सिग्माइडोस्कोपी प्रोसीजर करते हैं !
- कई बार सारी जांच करने के बाद यह पता चलता है की यह सर्जिकल प्रॉब्लम है तो ऐसे में आपको गैस्ट्रो इंटेस्टिनल सर्जन से ट्रीटमेंट लेने की जरूरत पड़ सकती है!
- इस तरह के केस में आपको कोलोरेक्टल सर्जन की भी जरूरत पड़ सकती है !
डॉक्टर इसकी पहचान कैसे करते हैं
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हिस्ट्री
डॉक्टर आप से ब्लड आने की पूरी जानकारी लेंगे कि कब- कब ब्लड आया कितनी मात्रा में आया लैट्रिन के साथ मिक्स होके आया या सिर्फ ब्लड आया !
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फिजिकल एग्जामिनेशन
डॉक्टर फिजिकल एग्जामिनेशन के द्वारा आपके पेट की जांच करते हैं, कि कहीं कोई गाँठ तो नहीं या कोई ऑरगैन तो नहीं बढ़ गया है !
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प्रोक्टोस्कोपी
लैट्रिन के रास्ते से एक ट्यूब पास करके जांच की जाती है कि अंदर कोई छाले तो नहीं है!
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सिग्मोइडोस्कोपी
यह फ्लैक्सिबल इंस्ट्रूमेंट होता है जिसके द्वारा लैट्रिन के रास्ते इंस्ट्रूमेंट को डालकर लैट्रिन के रास्ते, रेक्टम और सिग्मोइड की जांच की जाती है !
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कोलोनोस्कोपी
कोलोनोस्कोपी के द्वारा पूरी आंत की जाँच की जाती है जिसमें पूरी आंत का एग्जामिनेशन किया जाता है कि बड़ी आंत में कोई समस्या तो नहीं है !
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Upper GI एंडोस्कोपी
कई बार बड़ी आंत से ब्लड का स्रोत नहीं मिलता तो upper GI एंडोस्कोपी करनी पड़ती है जिसमें गले के रास्ते जांच की जाती है !
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कैप्सूल एंडोस्कोपी
डॉक्टर को अगर लगता है कि ब्लड का जो आने वाला स्रोत है वह छोटीआंत से है तो कैप्सूल एंडोस्कोपी करने की जरूरत पड़ती है !
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Radionucleotide स्कैन एंड एंजियोग्राफी
इस जांच की जरूरत तभी पड़ती है जब ब्लड लगातार आ रहा हो ऐसी कंडीशन में Radionucleotide स्कैन एंड एंजियोग्राफी की जरूरत पड़ती है !