न्याय के प्रति विश्वास-hindi story book
यह बात उस समय की है जब माधव राव मराठा राज्य के पेशवा थे और उस राज्य के न्यायधीश राम शास्त्री प्रधान जी थे राज्य में कौन न्याय अध्यक्ष रहेगा इसका फैसला पेशवा करते थे राम शास्त्री का कामकाज इतना …
यह बात उस समय की है जब माधव राव मराठा राज्य के पेशवा थे और उस राज्य के न्यायधीश राम शास्त्री प्रधान जी थे राज्य में कौन न्याय अध्यक्ष रहेगा इसका फैसला पेशवा करते थे राम शास्त्री का कामकाज इतना …
महात्मा गांधी जी के दादाजी उत्तमचंद गांधी जी जो की बहुत ही ईमानदार और सज्जन व्यक्ति थे जिन्हें लोग कोटा गांधी भी कह कर बुलाते थे उत्तमचंद गांधी जी पोरबंदर राज्य के वरिष्ठ दीवान थे ! जिस राज्य में वो …
एक बार एक गांव में बहुत ही भयानक सूखा पड़ा था पूरा गांव सूखे के कारण बहुत बेहाल हो रखा था सारे तालाब और कुएं सूख गए थे जल मिलने वाले सारे स्रोत बुरी तरह से सूख चुके थे गांव …
एक बार गांधी जी अपने आश्रम में पेड़ के नीचे बैठ कर लोगो से बात कर रहे थे तभी वहां एक सन्यासी जी आये ! उस सन्यासी की गांधी जी से मिलने की बहुत इच्छा थी गांधी जी से मिलते …
एक पहाड़ पर बहती नदी के किनारे सुबह के समय एक औरत बहुत तेज आवाज में चिल्ला रही थी बचाओ बचाओ मेरे बच्चे को कोई बचाओ मेरे बच्चे को बचाओ लोग दौड़-दौड़ कर आए और वहां पर बहुत लोग इकट्ठा …
जर्मनी के रहने वाले एक व्यक्ति जो की बहुत विद्वान थे जिनका नाम इमेनुवल कांट था और वो पुरे जर्मन में बहुत ही लोकप्रिय थे ! उनकी समझदारी और योग्यता को देखते हुए उनके यूनिवर्सिटी की काउंसिल की टीम ने …
एक गाँव में एक बहुत ही धनी सेठ रहा करता था जिसका नाम धनदत्त था ! एक दिन गाँव में भीख मांगते मांगते भिखारी उस सेठ के घर पहुंच गया , घर के बाहर खड़ा होकर भिखारी ने अन्य मांगने …
असली घर – hindi story book एक राजा जिसके पास कई महल थे वह एक महान संत के पास जाया करता था और उनका सत्संग सुना करता था ! कई महल होने के बाद भी वह इससे संतुष्ट नहीं था …
अतिथि देवता समान है – hindi story book एक बार की बात है एक महात्मा जिनका नाम देशबंधु चितरंजन उनके पिता जो की एक गाँव में रह कर अपना जीवन आपन कर रहे थे उनका कहना था की घर पर …
rajasthan government pensioners हिंदी स्टोरी बात 2015 की है मैं जयपुर आई साइड (नाम बदला हुआ है) जो की आँखों का अस्पताल है उन दिनों मैं उसमे TPA credit billing में कार्यरत था ! रोजाना की तरह मैं रोज़ सुबह …