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एलर्जी किन चीज़ों से ट्रिगर होती है और इसका समाधान क्या है?

एलर्जी किन चीज़ों से ट्रिगर होती है और इसका समाधान क्या है?

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1 एलर्जी किन चीज़ों से ट्रिगर होती है और इसका समाधान क्या है?

एलर्जी किन चीज़ों से ट्रिगर होती है? एलर्जी एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) सामान्य रूप से हानिरहित चीज़ों को हानिकारक मानकर प्रतिक्रिया देती है। यह प्रतिक्रिया किसी विशेष तत्व (जिसे एलर्जन कहा जाता है) के संपर्क में आने पर होती है। यह एलर्जन खाने की चीज़ें, धूल, परागकण, दवाइयाँ, जानवरों के बाल, या कोई गंध हो सकती है।

एलर्जी की समस्या किसी को भी, किसी भी उम्र में हो सकती है और यह हल्की से लेकर जानलेवा तक हो सकती है। आज के बदलते जीवनशैली, प्रदूषण और खानपान की आदतों के कारण एलर्जी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

सबसे ज़्यादा एलर्जी किन चीज़ों से होती है?

1. धूल और धूल के कण (Dust & Dust Mites)

धूल एक सामान्य एलर्जन है, खासकर घरों में। इसमें छोटे-छोटे कीड़े (Dust mites) होते हैं जो बिस्तर, गद्दे, पर्दे, और फर्नीचर में रहते हैं। इनके मल और शरीर के टुकड़े सांस के साथ शरीर में जाकर एलर्जी प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हैं।

लक्षण:

2. परागकण (Pollen)

वसंत और गर्मियों में जब पेड़-पौधों में फूल खिलते हैं तो वे परागकण छोड़ते हैं। यह हवा में फैलते हैं और सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर एलर्जी उत्पन्न करते हैं।

लक्षण:

3. पालतू जानवर (Pet Allergies)

बिल्ली, कुत्ते या अन्य जानवरों की त्वचा से झड़ने वाले सूक्ष्म कण (Dander), लार और पेशाब भी एलर्जी का कारण बन सकते हैं।

लक्षण:

4. खाद्य एलर्जी (Food Allergies)

कुछ विशेष खाद्य पदार्थों से भी एलर्जी हो सकती है। यह बच्चों में अधिक आम होती है, लेकिन वयस्कों को भी हो सकती है।

प्रमुख एलर्जिक खाद्य पदार्थ:

लक्षण:

5. दवाइयाँ (Drug Allergies)

कुछ लोगों को विशेष दवाओं जैसे पेनिसिलिन, सल्फा ड्रग्स, एंटीबायोटिक्स आदि से एलर्जी हो सकती है।

लक्षण:

6. कीड़े-मकौड़े के काटने से एलर्जी

मधुमक्खी, ततैया, या मच्छर के काटने से एलर्जी हो सकती है।

लक्षण:

7. सुगंधित पदार्थ (Perfumes & Fragrances)

कुछ लोगों को डियोड्रेंट, इत्र, एयर फ्रेशनर जैसी चीज़ों से एलर्जी होती है।

लक्षण:

8. रासायनिक उत्पाद (Cosmetics, Detergents)

कई साबुन, डिटर्जेंट, फेस क्रीम, और हेयर प्रोडक्ट्स में ऐसे रसायन होते हैं जो संवेदनशील त्वचा में एलर्जी पैदा कर सकते हैं।

लक्षण:

एलर्जी कैसे होती है? – शरीर की प्रतिक्रिया को समझें

जब शरीर का इम्यून सिस्टम किसी पदार्थ को हानिकारक मानकर IgE एंटीबॉडी का निर्माण करता है, तो वह पदार्थ जैसे ही दोबारा शरीर में प्रवेश करता है, शरीर में हिस्टामिन नामक रसायन रिलीज होता है। यही हिस्टामिन एलर्जी के लक्षण पैदा करता है, जैसे छींक, खुजली, रैश, सांस फूलना आदि।

एलर्जी को कैसे पहचानें? – निदान (Diagnosis)

एलर्जी की पुष्टि के लिए निम्नलिखित जांच की जा सकती हैं:

1. स्किन प्रिक टेस्ट (Skin Prick Test)

त्वचा पर एलर्जन की बूंद डालकर सुई से हल्का खरोंच किया जाता है। अगर लाल चकत्ता बनता है तो एलर्जी है।

2. ब्लड टेस्ट (RAST / IgE Test)

खून में IgE एंटीबॉडी की मात्रा जांची जाती है, जो एलर्जी की पुष्टि करता है।

3. एलिमिनेशन डाइट

खासकर खाद्य एलर्जी की जांच के लिए मरीज से एक-एक करके संभावित एलर्जिक फूड हटाए जाते हैं और प्रतिक्रिया देखी जाती है।

4. चेस्ट एक्स-रे या स्पाइरोमीट्री

यदि सांस संबंधित एलर्जी है तो फेफड़ों की कार्यक्षमता जांची जाती है।

एलर्जी का इलाज कैसे किया जाए?

1. एलर्जन से बचाव (Avoidance is Key)

सबसे पहला और मुख्य उपाय है कि उस चीज़ से दूरी बनाई जाए जिससे एलर्जी होती है।

उदाहरण:

2. दवाइयां (Medications)

• एंटीहिस्टामिन्स:

ये हिस्टामिन के प्रभाव को कम करते हैं जिससे छींक, खुजली, आंखों से पानी जैसे लक्षण कम होते हैं।

उदाहरण: सिट्रीज़ीन, लॉराटाडीन

• डिकॉन्जेस्टेंट्स:

नाक बंद होने की स्थिति में उपयोग होते हैं।

• कोर्टिकोस्टेरॉइड्स:

ये सूजन को कम करने के लिए होते हैं और नाक स्प्रे, इनहेलर या टैबलेट के रूप में उपलब्ध हैं।

• ल्यूकोट्रायीन मॉडिफायर्स:

दमा या सांस की एलर्जी में उपयोग किए जाते हैं।

3. इम्यूनोथेरेपी (Allergy Shots)

यह एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें मरीज को धीरे-धीरे एलर्जन की मात्रा दी जाती है ताकि शरीर की सहनशक्ति बढ़े।

4. बायोलॉजिक्स (Biologics)

यह आधुनिक दवाएं हैं जो इम्यून सिस्टम के विशेष हिस्सों को ब्लॉक करती हैं। आमतौर पर गंभीर अस्थमा या त्वचा एलर्जी में उपयोग होती हैं।

घरेलू उपचार और जीवनशैली बदलाव

• भाप लेना:

नाक बंद या गले में खराश होने पर गर्म पानी की भाप लेने से राहत मिलती है।

• शहद और हल्दी:

प्राकृतिक एंटीहिस्टामिन माने जाते हैं, खासकर हल्दी वाला दूध एलर्जी में मदद कर सकता है।

• नाक धोना (Saline Nasal Rinse):

सलाइन वाटर से नाक की सफाई करने से परागकण और धूल हटाई जा सकती है।

• योग और प्राणायाम:

इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और श्वसन संबंधी एलर्जी में मददगार हैं।

बचाव के उपाय (Prevention Tips)

बच्चों में एलर्जी – क्या करें?

बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, इसलिए एलर्जी तेजी से होती है। बच्चों में खानपान, सफाई और खिलौनों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चों को नए फूड धीरे-धीरे देना चाहिए ताकि कोई प्रतिक्रिया हो तो तुरंत पहचान सकें।

एलर्जी से संबंधित जोखिम (Complications)

निष्कर्ष (Conclusion)

एलर्जी एक सामान्य लेकिन उपेक्षित समस्या है। सही जानकारी, बचाव, और समय रहते इलाज से इसे पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आपको या आपके किसी करीबी को बार-बार छींक, खांसी, त्वचा पर चकत्ते या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो उसे नजरअंदाज न करें। डॉक्टर से सलाह लें, जांच कराएं और कारण का पता लगाकर उचित कदम उठाएं।

एलर्जी से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है – सावधानी, सतर्कता और सही उपचार

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