Site icon saumyshree.com

बेहोशी क्यों आती है और कैसे वापस होश में लाया जाए?

बेहोशी क्यों आती है और कैसे वापस होश में लाया जाए?

Contents hide
1 बेहोशी क्यों आती है और कैसे वापस होश में लाया जाए?

बेहोशी क्या है? (Definition)

बेहोशी, जिसे चिकित्सा भाषा में syncope कहा जाता है, यह चेतना की अचानक, अल्पकालिक (कुछ सेकंड से कुछ मिनट तक) हानि है, जिसकी वजह मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति ना होना होता है, यह आमतौर पर खतरनाक नहीं होती, लेकिन बार‑बार या चोट के साथ होने पर गम्भीर हो सकती है

बेहोशी के लक्षण (Symptoms)

बेहोशी या “सिंकोप” (Syncope) एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति थोड़े समय के लिए होश खो देता है। यह मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम हो जाने के कारण होता है। हालांकि यह आमतौर पर कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाती है, लेकिन इसके पहले कुछ चेतावनी संकेत मिलते हैं, जिन्हें पहचानना बहुत जरूरी होता है। यदि सही समय पर ध्यान दे दिया जाए, तो बेहोशी को रोका जा सकता है।

1. चक्कर आना और धुंधली दृष्टि

बेहोश होने से पहले व्यक्ति को अक्सर चक्कर आने लगते हैं। आंखों के आगे अंधेरा या धुंध छा सकती है। कुछ लोग बताते हैं कि उन्हें ऐसा महसूस होता है जैसे चारों ओर की चीज़ें घूम रही हों या वे असंतुलित हो रहे हों।

2. मिचली और उल्टी की भावना

बेहोशी के समय पेट में गड़बड़ी, घबराहट और मिचली की शिकायत हो सकती है। कुछ लोगों को हल्का-सा उल्टी जैसा लग सकता है या पेट में ऐंठन जैसी अनुभूति होती है।

3. ठंडा पसीना आना

जब शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली बिगड़ती है, तो त्वचा पर ठंडा और चिपचिपा पसीना आने लगता है। यह एक गंभीर चेतावनी संकेत हो सकता है कि शरीर में रक्त का प्रवाह सही नहीं हो रहा।

4. चेहरे का रंग पीला पड़ना

बेहोशी से पहले रक्त संचार की कमी के कारण चेहरे की त्वचा पीली या सफेद हो जाती है। होंठ नीले पड़ सकते हैं और व्यक्ति थका-थका या कमजोर महसूस करता है।

5. सांस धीमी होना और नाड़ी कम होना

हृदय गति धीमी हो सकती है, और सांसें भी धीरे-धीरे चलने लगती हैं। कभी-कभी धड़कन महसूस ही नहीं होती या बहुत हल्की होती है। यह स्थिति विशेष रूप से खतरनाक हो सकती है और तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है।

6. अचानक गिर जाना और होश आने पर याददाश्त कमजोर होना

कई बार व्यक्ति बिना किसी चेतावनी के अचानक गिर जाता है। होश आने के बाद उसे कुछ समय के लिए यह याद नहीं रहता कि वह कैसे गिरा या क्या हुआ था। इस स्थिति को “पोस्ट-इक्ट्रल कन्फ्यूजन” भी कहा जाता है।

यदि उपरोक्त में से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत किसी सुरक्षित स्थान पर बैठ जाएं या लेट जाएं और पैरों को ऊपर करें। आसपास मौजूद व्यक्ति को स्थिति की गंभीरता को समझना चाहिए और यदि आवश्यकता हो तो डॉक्टर को तुरंत बुलाना चाहिए। बेहोशी को हल्के में न लें – यह कई बार दिल, न्यूरोलॉजिकल या मेटाबॉलिक समस्याओं का संकेत हो सकता है।

बेहोशी के मुख्य कारण (Causes)

A. न्यूरोकार्डियोगेनिक (Reflex/Vasovagal Syncope)

B. ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन (Orthostatic Hypotension)

C. हृदय संबंधी कारण (Cardiac Syncope)

D. स्थितिजन्य Syncope (Situational Syncope)

E. हीट Syncope (Heat‑related)

F. अन्य कारण

बिना स्पष्ट कारण बेहोशी (Idiopathic Syncope)

कुछ लोगों को बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक बेहोशी आ जाती है। न तो कोई पूर्व चेतावनी संकेत दिखाई देते हैं और न ही नियमित चिकित्सीय जांचों में कोई खास समस्या सामने आती है। ऐसी बेहोशी को Idiopathic Syncope कहा जाता है। इसका मतलब होता है – “अज्ञात कारण से हुई बेहोशी”। हालांकि यह स्थिति डरावनी हो सकती है, लेकिन सही परीक्षण और निगरानी से कारणों का पता लगाया जा सकता है।

इस तरह की बेहोशी के पीछे अक्सर Vasovagal syncope या Orthostatic hypotension जैसे कारण हो सकते हैं। Vasovagal syncope में शरीर का तंत्रिका तंत्र किसी भावनात्मक तनाव, दर्द या लंबा खड़े रहने की स्थिति में रक्तचाप और दिल की धड़कन को अचानक कम कर देता है, जिससे मस्तिष्क तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचता और बेहोशी हो जाती है। वहीं, Orthostatic hypotension में अचानक बैठने या लेटने के बाद खड़े होते समय रक्तचाप गिर जाता है।

इस स्थिति में डॉक्टर निम्न जांचों की सलाह देते हैं:

सही निदान से भविष्य में बेहोशी की घटनाओं को रोका जा सकता है।

बेहोशी आने पर प्राथमिक उपचार (First Aid)

  1. व्यक्ति को तुरंत जमीन पर पीठ के बल लेटाएँ
  2. पैरों को दिल की ऊँचाई से ऊपर उठाएँ ताकि रक्त वापस मस्तिष्क तक पहुंचे 
  3. बेल्ट/कॉलर/कपड़े ढीले करें
  4. अवरुद्ध श्वसन मार्ग खोलें; अगर साँस नहीं ले रहा हो, तो CPR शुरू करें और एम्बुलेंस बुलाएं 
  5. संरक्षण: सिर पर चोट ना हो, हाथ-पाँव खुले रक्खें
  6. होश आने पर पानी/जल्दी पाचक तरल (मोटा दूध, जूस) पिलाएँ लेकिन तुरंत खाना न खिलाएँ 
  7. 1 मिनट में होश न आने पर आपातकालीन चिकित्सा सहायता लें 

प्राथमिक उपचार के बाद क्या करें?

जब कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है और फिर धीरे-धीरे होश में आता है, तो प्राथमिक उपचार के बाद उसकी देखभाल बेहद ज़रूरी होती है। सही तरीके से देखभाल करने से दोबारा बेहोशी की संभावना कम हो सकती है और व्यक्ति जल्दी रिकवर कर सकता है।

1. व्यक्ति को आरामदायक स्थिति में लाएं

बेहोशी से उठने के बाद व्यक्ति को झटके में बैठने या खड़े होने के लिए न कहें। उसे एक समतल स्थान पर पीठ के बल लिटा दें और पैरों को थोड़ा ऊपर रखें, ताकि मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह ठीक हो। कुछ समय तक उसे वैसे ही आराम करने दें, जब तक वह पूरी तरह सामान्य महसूस न करे।

2. चेहरे पर ठंडा पानी छिटकाएँ

चेहरे पर हल्का ठंडा पानी छिड़कना या गीला कपड़ा रखना व्यक्ति को ताजगी का एहसास दिलाता है और उसे जल्दी सामान्य स्थिति में लाने में मदद करता है। गर्मी या धूप के कारण बेहोशी आने पर शरीर को ठंडी जगह पर लाना बेहद फायदेमंद होता है।

3. ब्लड शुगर की जांच करें (यदि संभव हो)

अगर व्यक्ति को मधुमेह है या उसका चेहरा बहुत पीला पड़ गया है, तो गिलूकोमीटर से ब्लड शुगर लेवल मापना उपयोगी हो सकता है। कभी-कभी अचानक शुगर लेवल गिरने या बढ़ने से भी बेहोशी हो जाती है।

4. डॉक्टर से संपर्क कब करें?

तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

प्राथमिक उपचार के बाद की सावधानियाँ उतनी ही जरूरी होती हैं जितना खुद उपचार। ये न केवल व्यक्ति को राहत देती हैं, बल्कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने में भी सहायक होती हैं।

उचित जांच (Diagnosis)

जब किसी व्यक्ति को बार-बार या बिना स्पष्ट कारण के बेहोशी आती है, तो इसका सही और सटीक निदान (Diagnosis) बहुत जरूरी होता है। बेहोशी एक लक्षण है, न कि कोई बीमारी—इसलिए इसके पीछे छिपे कारणों को जानना अत्यंत आवश्यक होता है। डॉक्टर इस प्रक्रिया को कुछ चरणों में पूरा करते हैं:

🔍 1. चिकित्सकीय इतिहास और शारीरिक परीक्षण

सबसे पहले डॉक्टर मरीज से पूरी चिकित्सा इतिहास लेते हैं:

इसके साथ ही शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर रक्तचाप, नाड़ी, हृदय की धड़कन और सांस लेने की दर का परीक्षण करते हैं।

🧪 2. प्रारंभिक जांचें

बेहोशी के सामान्य कारणों को जानने के लिए कुछ बुनियादी जांचें की जाती हैं:

🧠 3. विशेष परीक्षण (Advanced Testing)

यदि सामान्य जांचों से कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आता, तो विशेष परीक्षण किए जाते हैं:

उचित जांच से न केवल बेहोशी का कारण पता चलता है, बल्कि यह भी तय होता है कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति कैसे रोकी जा सकती है। सही निदान के बिना सिर्फ लक्षणों का उपचार करना अधूरा होता है।

उपचार और दीर्घकालिक प्रबंधन (Treatment & Prevention)

I. ट्रिगर से बचाव

II. चिकित्सा/उपचार

III. जीवनशैली बदलाव

कब चिकित्सीय मदद तुरंत चाहिए? (Red Flags)

यदि बेहोशी के साथ हो:

निष्कर्ष

पहलूवर्णन
बेहोशी (Syncope)अस्थायी चेतना हानि, सामान्यतः गम्भीर नहीं
मुख्य कारणVasovagal, Orthostatic Hypotension, Cardiac, Situational, Heat
लक्षणचक्कर, ठंडा पसीना, धुंधली दृष्टि, नाड़ी धीमी
प्राथमिक उपचारलेटाएँ, पैर ऊँचे करें, साँस जांचें, CPR/एम्बुलेंस
जाँच व निदानECG, Tilt‑table, Holter, रक्त जांच आदि
इलाजट्रिगर से सावधानी, दवाएँ, कभी-कभी pacemaker/surgery
रोकथामहाइड्रेशन, धीरे उठना, तनाव कम करना, मेडिकल फॉलो‑अप
हॉर्निंग साइनसीने में दर्द, लंबी बेहोशी, neurological deficit → इमरजेंसी

🔍 साप्ताहिक सारांश

इस विस्तृत जानकारी से आपको या आपके परिवार को यदि बेहोशी का सामना करना पड़े, तो आप तुरंत, सुरक्षित और प्रभावी तरीके से संभाल सकते हैं। किसी भी बार-बार की या गम्भीर स्थिति में समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना अति आवश्यक है।

Spread the love
Exit mobile version