क्या आपकी डबल चिन अचानक से खराब दिखने लगी है? क्या आप इसे लेकर चिंतित हैं?

क्या आपकी डबल चिन अचानक से खराब दिखने लगी है? क्या आप इसे लेकर चिंतित हैं?

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1 क्या आपकी डबल चिन अचानक से खराब दिखने लगी है? क्या आप इसे लेकर चिंतित हैं?

डबल चिन – चेहरे की बनावट और आकर्षण में ठुड्डी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। यह न केवल चेहरे के आकार को परिभाषित करती है, बल्कि व्यक्ति की पर्सनैलिटी और आत्म-विश्वास को भी दर्शाती है। लेकिन जब ठुड्डी के नीचे की त्वचा में अतिरिक्त वसा जमा होने लगता है, तो वह ‘डबल चिन’ का रूप ले लेती है, जिससे चेहरा भारी और असंतुलित दिखाई देने लगता है।

यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित हो सकती है या अचानक भी दिखाई देने लगती है, विशेष रूप से वजन बढ़ने या उम्र के कारण त्वचा की कसावट कम होने पर। आजकल यह समस्या केवल उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि कम उम्र के युवाओं में भी देखने को मिल रही है, खासकर उन लोगों में जो लंबे समय तक स्क्रीन के सामने रहते हैं या जिनकी जीवनशैली गतिहीन (sedentary) है। 

डबल चिन क्या है? 

डबल चिन (Double Chin) एक आम सौंदर्य समस्या है जिसमें गर्दन और ठुड्डी के बीच की त्वचा के नीचे अतिरिक्त वसा की परत जम जाती है। इससे वह हिस्सा फूला हुआ या दोहरी परत जैसा दिखने लगता है। यह स्थिति व्यक्ति की उम्र, वजन और जीवनशैली के आधार पर अलग-अलग कारणों से हो सकती है। मेडिकल भाषा में इसे Submental Fat कहा जाता है, जो सबमेंटल एरिया (ठुड्डी और गर्दन के बीच का भाग) में वसा के जमाव को दर्शाता है।

डबल चिन न केवल चेहरे की सुंदरता को प्रभावित करती है, बल्कि कई बार आत्मविश्वास को भी कम कर देती है, खासकर तब जब यह अचानक ज्यादा स्पष्ट दिखने लगे। हालांकि यह कोई गंभीर मेडिकल समस्या नहीं है, लेकिन इसके पीछे कई स्वास्थ्य और जीवनशैली से जुड़े कारण हो सकते हैं जिन्हें समझना जरूरी है।

डबल चिन के कारण (Causes of Double Chin):

  1. अत्यधिक वजन (Obesity):
    जब शरीर में फैट प्रतिशत बढ़ जाता है, तो वह केवल पेट या जांघों में ही नहीं, बल्कि चेहरे और गर्दन के नीचे भी जमने लगता है। यह सबसे आम कारणों में से एक है।
  2. अनुवांशिकता (Genetics):
    यदि परिवार के अन्य सदस्य जैसे माता-पिता या दादा-दादी को डबल चिन रही है, तो आनुवंशिक रूप से यह संभावना बनती है कि यह समस्या अगली पीढ़ी में भी हो।
  3. उम्र बढ़ना (Aging):
    उम्र के साथ त्वचा की कोलेजन और इलास्टिन उत्पादन क्षमता कम हो जाती है, जिससे त्वचा ढीली पड़ने लगती है और फैट लटकने लगता है।
  4. गलत बॉडी पोस्चर:
    लगातार झुककर बैठना या मोबाइल/लैपटॉप देखने की आदत से गर्दन की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे डबल चिन बनने लगती है।
  5. हार्मोनल असंतुलन:
    जैसे थायरॉइड गड़बड़ी में वजन बढ़ता है और उसके साथ ही ठुड्डी के नीचे फैट जमा हो सकता है।
  6. हाइड्रेशन की कमी:
    पर्याप्त पानी न पीने से त्वचा सूखी और कमजोर हो जाती है, जिससे वह लटकने लगती है और डबल चिन की आशंका बढ़ जाती है।

इन सभी कारणों की पहचान कर यदि समय रहते उचित उपाय किए जाएं, तो डबल चिन को काफी हद तक रोका या कम किया जा सकता है।

क्या डबल चिन के भी फायदे हो सकते हैं?

डबल चिन को आमतौर पर एक सौंदर्य दोष के रूप में देखा जाता है और अधिकांश लोग इसे हटाने की कोशिश करते हैं। लेकिन कुछ वैज्ञानिक दृष्टिकोणों से, शरीर में अतिरिक्त वसा जमा होना—चाहे वह डबल चिन के रूप में ही क्यों न हो—एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है। कुछ शोधों के अनुसार, जिन लोगों का शरीर जल्दी वसा संग्रह करता है, उनका शरीर संकट के समय (जैसे बीमारी, भूख, थकावट) में उस जमा वसा को ऊर्जा के रूप में प्रयोग कर सकता है। इसे एक प्रकार का बायोलॉजिकल एडवांटेज कहा जा सकता है।

हालाँकि, यह लाभ सीमित और बहुत ही सैद्धांतिक है। असल में, डबल चिन का होना यह संकेत भी दे सकता है कि शरीर में वसा असंतुलन हो रहा है या आप किसी और स्वास्थ्य समस्या की ओर बढ़ रहे हैं जैसे मोटापा, थायरॉइड या हॉर्मोनल गड़बड़ी। इसलिए इसे “लाभदायक” कहना स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं है, बल्कि यह एक चेतावनी संकेत हो सकता है कि आपको अपनी जीवनशैली, खानपान और फिटनेस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

डबल चिन के लक्षण (Symptoms)

डबल चिन के लक्षण दृश्य होते हैं, लेकिन कई बार इसके छोटे संकेतों को हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं। ये संकेत हैं:

  1. गर्दन और ठुड्डी के बीच उभरा हुआ हिस्सा:
    सबसे प्रमुख लक्षण, जहां आपको एक अतिरिक्त परत महसूस होती है जो त्वचा को नीचे खींचती है।
  2. फोटोज में चेहरा भारी दिखना:
    आप महसूस करेंगे कि पहले की तुलना में आपका चेहरा चौड़ा या भरा हुआ दिख रहा है, खासकर साइड प्रोफाइल से।
  3. गर्दन की स्किन में कसाव की कमी:
    जब स्किन का इलास्टिसिटी लेवल कम हो जाता है, तो त्वचा ढीली होकर लटकने लगती है।
  4. सेल्फी में चिन डबल दिखना:
    यह एक कॉमन इंडिकेटर है। यदि आप हर एंगल से चिन के नीचे एक अतिरिक्त परत देखते हैं, तो यह डबल चिन का संकेत हो सकता है।

यदि आप इन लक्षणों को पहचानते हैं, तो सतर्क हो जाना चाहिए और समय रहते निवारण के उपाय अपनाने चाहिए।

निदान (Diagnosis)

डबल चिन का निदान सामान्यतः देखने मात्र से किया जा सकता है क्योंकि यह एक स्पष्ट दृश्य स्थिति होती है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति यह जानना चाहता है कि यह समस्या केवल सौंदर्य की है या इसके पीछे कोई स्वास्थ्य कारण भी छिपा है, तो विशेषज्ञ कुछ मेडिकल और फिजिकल परीक्षणों के जरिए इसकी गहराई से जांच कर सकते हैं। नीचे दिए गए कुछ सामान्य निदान प्रक्रियाएं हैं जो डॉक्टर द्वारा अपनाई जा सकती हैं:

  1. BMI (Body Mass Index) की जांच:
    यह जांच यह पता लगाने में मदद करती है कि व्यक्ति का वजन उसकी लंबाई के अनुसार संतुलित है या नहीं। अगर BMI अधिक (25 से ऊपर) है, तो यह संकेत हो सकता है कि शरीर में फैट का स्तर अधिक है, जिससे डबल चिन हो सकती है।
  2. चेहरे और गर्दन का फिजिकल एग्ज़ामिनेशन:
    डॉक्टर आपकी ठुड्डी, गर्दन और चेहरे की बनावट को देखकर जांच करते हैं कि वहाँ चर्बी कितनी है, त्वचा कितनी लटकी हुई है और मांसपेशियों की स्थिति कैसी है।
  3. फैट डेंसिटी की जांच (Skin-Fold Test):
    इस टेस्ट में एक विशेष कैलीपर (caliper) का उपयोग कर गर्दन और ठुड्डी के आसपास की स्किन को दबाकर वसा की मोटाई मापी जाती है। यह इस बात का अनुमान देता है कि वहां जमा वसा कितनी है और वह किस प्रकार की है—सतही (subcutaneous) या गहरी (visceral)।
  4. मेडिकल हिस्ट्री और जेनेटिक इन्फॉर्मेशन:
    डॉक्टर आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य इतिहास को देखकर यह समझ सकते हैं कि कहीं डबल चिन आनुवंशिक कारणों से तो नहीं हो रही है या किसी हॉर्मोनल, थायरॉइड या अन्य मेडिकल कंडीशन से जुड़ी तो नहीं है।

इन सभी जाँचों के आधार पर विशेषज्ञ यह तय कर सकते हैं कि आपकी डबल चिन साधारण है, लाइफस्टाइल से जुड़ी है, या फिर किसी विशेष बीमारी का लक्षण भी हो सकती है। सही निदान के बाद ही इसका प्रभावी उपचार संभव है।

डबल चिन का उपचार (Treatment)

डबल चिन से छुटकारा पाने के लिए कई प्राकृतिक, चिकित्सकीय और कॉस्मेटिक विकल्प मौजूद हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी डबल चिन किस कारण से है—वजन बढ़ने के कारण, उम्र के प्रभाव से, या फिर आनुवांशिक कारणों से। आइए विस्तार से जानते हैं इसके उपचार के प्रमुख विकल्प:

1. व्यायाम (Exercise):

अगर आप डबल चिन को बिना सर्जरी के खत्म करना चाहते हैं, तो कुछ विशेष चेहरे और गर्दन के व्यायाम नियमित रूप से करने पर इसका असर दिख सकता है। ये व्यायाम गर्दन और चिन की मांसपेशियों को टोन करते हैं और वहां जमा फैट को कम करने में मदद करते हैं:

  • चिन लिफ्ट (Chin Lift):
    सिर को पीछे की ओर झुकाएं और आसमान की ओर देखें। अब अपने होंठों को पुकर (pucker) की मुद्रा में आगे की ओर बढ़ाएं, जैसे किसी को किस कर रहे हों। इस स्थिति में 5-10 सेकंड रुकें और फिर आराम करें। इसे दिन में 10-15 बार दोहराएं।
  • जॉ एक्सरसाइज़ (Jaw Exercises):
    मुंह को धीरे-धीरे खोलें और बंद करें, या जबड़े को बाएँ-दाएँ हिलाएं। इससे जबड़े की मांसपेशियों में टोनिंग आती है।
  • गर्दन का स्ट्रेच (Neck Stretch):
    गर्दन को धीरे-धीरे एक ओर झुकाएं, फिर दूसरी ओर। यह एक्सरसाइज़ मांसपेशियों को लचीला बनाती है और फैट बर्न में मदद करती है।
  • मूंछ वाली मुद्रा (Fish Face or Moustache Pose):
    होंठ बंद रखें और जबड़े को नीचे की ओर दबाएं। गर्दन की मांसपेशियों में तनाव आएगा, जिससे वहां की टोनिंग बेहतर होती है।

इन व्यायामों को रोज़ाना 10-15 मिनट तक करें और हफ्ते में कम-से-कम 5 दिन दोहराएं।

2. डाइट कंट्रोल (Diet Control):

सिर्फ एक्सरसाइज़ से ही नहीं, खानपान में बदलाव करके भी डबल चिन को कंट्रोल किया जा सकता है:

  • कैलोरी का सेवन घटाएं:
    अपने रोज़ के भोजन में कैलोरी को संतुलित करें। ओवरईटिंग से बचें।
  • शुगर और जंक फूड से बचें:
    अत्यधिक चीनी, तले-भुने और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ फैट बढ़ाते हैं जो चेहरे पर भी दिखते हैं।
  • ज्यादा पानी पिएं:
    शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखना जरूरी है ताकि त्वचा लचीली रहे और वॉटर रिटेंशन कम हो।
  • प्रोटीन और फाइबर रिच डाइट:
    अंडा, दाल, फलियां, हरी सब्जियाँ, ओट्स जैसे खाद्य पदार्थ न केवल वज़न कम करने में सहायक होते हैं बल्कि त्वचा को भी हेल्दी बनाते हैं।

3. कॉस्मेटिक विकल्प (Cosmetic Options):

यदि आप जल्दी परिणाम चाहते हैं या प्राकृतिक उपायों से संतुष्ट नहीं हैं, तो मेडिकल तकनीकों का सहारा ले सकते हैं। नीचे कुछ प्रसिद्ध विकल्प दिए गए हैं:

  • कायबेला इंजेक्शन (Kybella):
    यह FDA-अनुमोदित इंजेक्शन डबल चिन के नीचे की फैट को घोलने के लिए दिया जाता है। इसमें डिऑक्सीकॉलिक एसिड होता है जो फैट को तोड़ता है। 2-6 सेशन्स की आवश्यकता हो सकती है।
  • कूल स्कल्प्टिंग (Cool Sculpting):
    यह एक नॉन-सर्जिकल तकनीक है जिसमें चिन के नीचे की फैट को ठंडा करके खत्म किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित मानी जाती है।
  • लेजर थेरेपी (Laser Treatment):
    इस तकनीक में गर्मी देने वाली लेजर लाइट से फैट सेल्स को खत्म किया जाता है और साथ ही स्किन टाइटनिंग भी होती है।
  • लिपोसक्शन:
    यह एक सर्जिकल ऑपरेशन है जिसमें चिन के नीचे की फैट को निकाल दिया जाता है। यह सबसे तेज़ लेकिन महँगा और रिकवरी वाला विकल्प है।
महत्वपूर्ण बात:
कोई भी उपचार चुनने से पहले एक योग्य डॉक्टर या स्किन एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपके लिए कौन सा विकल्प सबसे सुरक्षित और प्रभावी रहेगा।

प्रक्रिया (Procedure)

यदि आप डबल चिन से स्थायी रूप से छुटकारा पाने के लिए सर्जिकल या नॉन-सर्जिकल उपचार का चयन करते हैं, तो उसकी प्रक्रिया एक सुनियोजित चरणबद्ध तरीके से होती है। यह प्रक्रिया तीन भागों में विभाजित होती है – प्रोसीजर से पहले की तैयारी (Pre-Procedure), प्रोसीजर के दौरान की क्रियाएँ (During Procedure), और प्रोसीजर के बाद की देखभाल (Post-Procedure)।

Pre-Procedure (प्रक्रिया से पहले):

  1. डॉक्टर से परामर्श:
    सबसे पहले, आप किसी अनुभवी डर्मेटोलॉजिस्ट या कॉस्मेटिक सर्जन से सलाह लेते हैं। वे आपकी स्किन टाइप, वसा की मात्रा, और हेल्थ कंडीशन को ध्यान में रखते हुए उचित उपचार सुझाएंगे।
  2. स्वास्थ्य जांच और टेस्ट्स:
    कुछ सामान्य टेस्ट जैसे ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, थायरॉइड आदि की जांच की जा सकती है ताकि कोई रिस्क फैक्टर न हो।
  3. इलाके की सफाई और एनेस्थीसिया:
    जिस हिस्से का ट्रीटमेंट होना है, उसे अच्छी तरह सैनिटाइज किया जाता है। सर्जिकल केस में लोकल एनेस्थीसिया या सेडेटिव दिया जा सकता है ताकि आपको दर्द न हो।

During Procedure (प्रक्रिया के दौरान):

  1. इंजेक्शन या मशीन द्वारा ट्रीटमेंट:
    • अगर आप कायबेला इंजेक्शन चुनते हैं, तो चिन के नीचे की फैट पर इंजेक्शन दिए जाते हैं।
    • अगर लेजर या कूल स्कल्प्टिंग करवा रहे हैं, तो एक विशेष मशीन से चिन एरिया को टारगेट कर फैट को गहराई से तोड़ा जाता है।
  2. समय:
    सामान्यतः यह प्रक्रिया 30 मिनट से 1 घंटे के बीच पूरी हो जाती है। इसमें कोई हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं होती, खासकर नॉन-सर्जिकल मामलों में।

Post-Procedure (प्रक्रिया के बाद):

  1. हल्की सूजन और जलन:
    ट्रीटमेंट के बाद कुछ हल्की सूजन, जलन या लालिमा सामान्य होती है। यह 2-3 दिन में खुद ठीक हो जाती है।
  2. आराम की सलाह:
    सर्जिकल ट्रीटमेंट के बाद कुछ दिनों का आराम जरूरी होता है। डॉक्टर आपको निर्देश देंगे कि किस तरह की गतिविधियों से बचना है।
  3. स्किन केयर:
    स्किन को मॉइस्चराइज करना, सनस्क्रीन का उपयोग और ठंडी सिंकाई जैसी बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है।

रिकवरी (Recovery)

रिकवरी समय इस बात पर निर्भर करता है कि आपने किस प्रकार का उपचार लिया है:

  • सर्जिकल उपचार:
    लिपोसक्शन या अन्य सर्जिकल प्रोसीजर के बाद 7-10 दिन तक सूजन और थकावट रह सकती है। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं और स्किन केयर निर्देशों का पालन करना ज़रूरी होता है।
  • नॉन-सर्जिकल उपचार:
    लेजर, कूल स्कल्प्टिंग या इंजेक्शन वाले विकल्पों में रिकवरी तेजी से होती है। आमतौर पर 2-3 दिनों में व्यक्ति सामान्य गतिविधियाँ शुरू कर सकता है।

ध्यान दें: चाहे कोई भी उपचार लिया जाए, एक्सरसाइज़, हेल्दी डाइट और स्किन केयर जारी रखना ज़रूरी है ताकि डबल चिन दोबारा न उभरे।

उद्देश्य (Purpose)

डबल चिन हटाने के पीछे सिर्फ सौंदर्य का पहलू ही नहीं, बल्कि आत्म-विश्वास और स्वास्थ्य दोनों की अहम भूमिका होती है। इस उपचार के कुछ प्रमुख उद्देश्य होते हैं:

  1. चेहरे को आकर्षक और परिभाषित बनाना:
    डबल चिन हटाकर जबड़े की लाइन (jawline) को स्पष्ट किया जाता है, जिससे चेहरा पतला और सुंदर दिखता है।
  2. आत्म-विश्वास में बढ़ोतरी:
    जब लोग अपनी छवि से खुश होते हैं, तो उनका आत्म-सम्मान भी बेहतर होता है।
  3. स्वस्थ जीवनशैली की प्रेरणा:
    उपचार के बाद लोग फिटनेस पर अधिक ध्यान देने लगते हैं ताकि नतीजे लंबे समय तक टिके रहें।
  4. उम्र के प्रभाव को कम करना:
    डबल चिन अक्सर बढ़ती उम्र का संकेत मानी जाती है। इसे हटाने से चेहरा युवा और ताज़ा नजर आता है।

जोखिम (Risks)

किसी भी उपचार को अपनाने से पहले उसके संभावित जोखिमों को जानना उतना ही ज़रूरी है जितना कि उसके लाभों को समझना। डबल चिन से छुटकारा पाने के लिए अपनाए जाने वाले उपचार चाहे सर्जिकल हों, नॉन-सर्जिकल या घरेलू उपाय—सभी में कुछ हद तक जोखिम शामिल हो सकते हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:

सर्जिकल ट्रीटमेंट के जोखिम:

  1. इंफेक्शन का खतरा:
    किसी भी सर्जरी में त्वचा कटती है, जिससे बैक्टीरिया के प्रवेश का खतरा बढ़ जाता है। यदि पोस्ट-ऑपरेटिव केयर सही न हो तो इंफेक्शन हो सकता है।
  2. स्कार (निशान) रह जाना:
    लिपोसक्शन जैसी सर्जरी में छोटे चीरे लगाए जाते हैं। कुछ मामलों में ये निशान हमेशा के लिए रह सकते हैं, खासकर अगर स्किन टोन बहुत संवेदनशील हो।
  3. असंतुलित या असमान परिणाम:
    कभी-कभी ट्रीटमेंट के बाद चेहरा असामान्य या असंतुलित दिख सकता है, जिससे चेहरे की बनावट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट के जोखिम:

  1. एलर्जी:
    इंजेक्शन या टॉपिकल दवाओं से एलर्जी की संभावना हो सकती है। जैसे-कायबेला इंजेक्शन में कुछ लोगों को जलन या खुजली हो सकती है।
  2. सूजन या जलन:
    कूल स्कल्प्टिंग, लेजर या RF ट्रीटमेंट के बाद कुछ समय तक स्किन में सूजन या हल्की जलन हो सकती है।
  3. अस्थायी असुविधा:
    कुछ लोगों को ट्रीटमेंट के बाद कुछ समय के लिए त्वचा में झनझनाहट या सुन्नपन महसूस हो सकता है।

घरेलू उपायों के जोखिम:

  1. स्किन ढीली होना:
    अगर बिना किसी गाइडेंस के व्यायाम या घरेलू नुस्खे किए जाएं, तो त्वचा लटकी हुई या ढीली लग सकती है।
  2. गर्दन में खिंचाव या दर्द:
    अधिक स्ट्रेचिंग या गलत व्यायाम तकनीक के कारण गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव, दर्द या ऐंठन हो सकती है।

डबल चिन से बचाव कैसे करें? (Prevention Tips)

डबल चिन से बचना कठिन नहीं है, यदि आप कुछ सरल नियमों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह न केवल आपकी ठुड्डी को परिभाषित बनाए रखेगा, बल्कि आपकी संपूर्ण सेहत को भी बेहतर बनाएगा:

1. रोजाना 15 मिनट चिन एक्सरसाइज़ करें:

  • दिन की शुरुआत में या शाम को समय निकालकर विशेष रूप से चिन और गर्दन के व्यायाम करें।
  • इससे मांसपेशियाँ टोंड रहती हैं और फैट जमा नहीं होता।

2. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ का उपयोग सही मुद्रा में करें:

  • मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर का इस्तेमाल करते समय उसे आंखों के स्तर पर रखें ताकि गर्दन झुकानी न पड़े।
  • लंबे समय तक गर्दन झुकी रहने से मांसपेशियां ढीली हो सकती हैं।

3. वजन को नियंत्रित रखें:

  • संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से शरीर का वज़न नियंत्रित रखें।
  • डबल चिन का सबसे बड़ा कारण वजन बढ़ना होता है।

4. पर्याप्त पानी पिएं:

  • हाइड्रेशन से त्वचा में लचीलापन बना रहता है, जिससे वह टाइट दिखती है और ढीली नहीं पड़ती।

5. स्किन केयर का ध्यान रखें:

  • चेहरे की नियमित सफाई, मॉइस्चराइज़िंग और सनस्क्रीन का उपयोग करें ताकि स्किन स्वस्थ और चमकदार बनी रहे।

निष्कर्ष

डबल चिन केवल एक कॉस्मेटिक समस्या नहीं है, यह शरीर में फैट जमा होने और जीवनशैली की गड़बड़ी का संकेत भी हो सकती है। सही खानपान, नियमित व्यायाम और जरूरत होने पर डॉक्टर की सलाह लेकर इसे कम किया जा सकता है। याद रखें, सुंदरता बाहरी नहीं, भीतर से शुरू होती है — लेकिन अपने चेहरे को स्वस्थ और कॉन्फिडेंट बनाना भी आत्म-सम्मान का हिस्सा है।

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